रथ यात्रा का महत्व – Chariot Festival
Odisha Puri

रथ यात्रा का महत्व – Chariot Festival

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रथ यात्रा, जिसे अंग्रेजी में “Chariot Festival” कहा जाता है, भारत के प्रमुख धार्मिक त्योहारों में से एक है। यह यात्रा उड़ीसा राज्य के पुरी शहर में आयोजित की जाती है और मुख्य रूप से भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को समर्पित है। रथ यात्रा का आयोजन आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को होता है, जो आमतौर पर जून या जुलाई के महीने में आता है।

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रथ यात्रा का महत्व

रथ यात्रा का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत बड़ा है। यह यात्रा भक्तों के लिए भगवान जगन्नाथ के दर्शन का एक विशेष अवसर प्रदान करती है। इस दिन, भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को तीन विशाल रथों में विराजित किया जाता है और उन्हें मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक ले जाया जाता है। यह यात्रा लगभग 3 किलोमीटर की होती है।

रथ यात्रा का इतिहास

रथ यात्रा की शुरुआत का उल्लेख कई पुराणों और धर्मग्रंथों में मिलता है। ऐसा माना जाता है कि इस यात्रा की शुरुआत त्रेतायुग में हुई थी। हालांकि, इसके वर्तमान स्वरूप की शुरुआत 12वीं शताब्दी में हुई जब पुरी के राजा अनंतवर्मन चोडगंग ने जगन्नाथ मंदिर का निर्माण करवाया।

रथ यात्रा का आयोजन

रथ यात्रा का आयोजन बहुत ही धूमधाम और भव्यता के साथ किया जाता है। रथों का निर्माण महीनों पहले शुरू हो जाता है और इन्हें सुंदर कपड़ों, फूलों और रंगीन वस्त्रों से सजाया जाता है। भगवान जगन्नाथ का रथ “नंदीघोष” कहलाता है, बलभद्र का रथ “तालध्वज” और सुभद्रा का रथ “दर्पदलन” कहलाता है।

रथ यात्रा के मुख्य आकर्षण

रथों का निर्माण: रथों का निर्माण विशेष प्रकार की लकड़ी से किया जाता है और इसमें महीनों का समय लगता है। हर रथ को अलग-अलग रंगों और डिजाइनों से सजाया जाता है।

भक्तों की भीड़: लाखों की संख्या में भक्त पुरी आते हैं और इस यात्रा में भाग लेते हैं। भक्तगण रथों को खींचते हैं, जो एक बहुत ही पवित्र और शुभ कार्य माना जाता है।

गुंडिचा मंदिर: गुंडिचा मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को 9 दिनों तक रखा जाता है और फिर वापस मुख्य मंदिर में लाया जाता है। इस यात्रा को “बहुदा यात्रा” कहा जाता है।

रथ यात्रा का सामाजिक और सांस्कृतिक पहलू

रथ यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। यह यात्रा विभिन्न जातियों, समुदायों और धार्मिक समूहों को एक साथ लाने का काम करती है। रथ यात्रा के दौरान पुरी शहर का माहौल बहुत ही जीवंत और रंगीन हो जाता है, जिसमें संगीत, नृत्य और भजन की गूंज होती है।

रथ यात्रा एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है जो भगवान जगन्नाथ के प्रति भक्तों की असीम श्रद्धा और प्रेम को दर्शाता है। यह यात्रा न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक जीता-जागता उदाहरण भी है।

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